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आंदोलनकारी युवाओं की अर्धनग्न फोटो वायरल होने से हडक़ंप जिले के दो थाना प्रभारियों पर गिरी गाज सोशल मीडिया में वायरल हो रही है अर्धनग्न फोटो, उठ रहे सवाल

सीधी जिले की सिटी कोतवाली पुलिस ने बीते दिनों आंदोलनकारी युवकों पर 151 की कार्यवाई करते हुए 10 युवकों को अपनी अभिरक्षा में सभी के कपड़े उतरव...

सीधी जिले की सिटी कोतवाली पुलिस ने बीते दिनों आंदोलनकारी युवकों पर 151 की कार्यवाई करते हुए 10 युवकों को अपनी अभिरक्षा में सभी के कपड़े उतरवाकर लॉकअप में बंदकर दिया गया था। उसी समय की आरोपी युवकों की अर्धनग्न अवस्था में ली गई फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो गई। जिसके कारण हडक़ंप मच गया है और कांग्रेस सहित अन्य लोग पुलिस पर सवालिया निशान खडे कर रहे हैं।

*क्या था मामला...?*

2 अप्रैल को फर्जी आईडी बनाकर सीधी विधायक एवं उनके पुत्र को सोशल मीडिया में बदनाम करनें के मुख्य आरोपी को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके विरोध में शहर के कुुछ युवा 2 अप्रैल को करीब रात 10 बजे सिटी कोतवाली थाना के सामने मुख्य सडक़ पर बैठकर मुख्यमंत्री, विधायक एवं भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करनें लगे। जिस पर पुलिस ने करीब 10 युवकों को गिरफ्तार कर लिया। शेष युवा पुलिस की कार्यवाई के डर से भाग निकले। 151 केे तहत गिरफ्तार किए गए युवा जिसमें युवा पत्रकार, रंगकर्मी एवं अन्य शामिल थे। गिरफ्तार किए गए सभी युवकों के बदन से कपड़े उतरवाकर लॉकअप के अंदर बंद किया गया था। उसी दौरान किसी ने आरोपी युवकों की अर्धनग्न फोटो खींचकर वायरल कर दिया। जिसके कारण हडक़ंप मचा हुआ है।

पुलिस द्वारा 'चोरी पर सीनाजोरी'

इस पूरे मामले को लेकर बैकफुट पर आई सिटी कोतवाली पुलिस द्वारा इस कहावत को चरितार्थ करते हुए की- "एक तो चोरी और उस पर सीनाजोरी" की तर्ज पर अपना एक बिना सर पैर का बयान जारी किया गया है जिसमें पुलिस ने अपना नाकामी भरा बयान देते हुए कहा है कि उक्त व्यक्तियों की वायरल हो रही तस्वीर के संबंध में वरिष्ठ स्तर पर जॉच चल रही है। कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा घटना को लेकर भ्रामक, असत्य एवं तथ्यहीन जानकारी सोशल मीडिया में प्रसारित की जा रही है जिसका सीधी पुलिस खंडन करती है।
अब यहां सवाल ये उठता है कि पुलिस इन तस्वीरों का खंडन की किस मुंह से कर सकती है क्योंकि जब कोई भी आरोपी उसके लॉकअप में उसकी अभिरक्षा में बंद है तो उसकी तस्वीरें भला पुलिस स्टाफ की सहमति या इजाजत के बगैर कोई कैसे खींच सकता है ? इन तस्वीरों के खींचे जाने में पूरी तरह पुलिस की सहभागिता अपने आप में उजागर है।

मीडिया को प्रतिक्रया देने से बचते रहे पक्ष-विपक्ष के नेता

सोशल मीडिया में धारा 151 के आरोपी युवकों की फोटो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मीडिया को प्रतिक्रिया देने से सत्ता एवं विपक्ष के नेता बचते रहे हैं। विपक्ष के कई नेता तो इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिए। घटना के चार दिन बाद तक पार्टी के नेता उक्त मामले को लेकर चुप्पी साधे हुए रहे।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल के द्वारा उक्त घटना के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करनें के बाद कुछ कांग्रेस के नेता सोशल मीडिया में अपनी प्रतिक्रया व्यक्त कर रहे हैं। जिले में विपक्ष के नेता उक्त घटना को लेकर सिर्फ औपचारिकता निभा रहे हैं।

♦️ *पुलिस का अमानवीय व्यवहार बेहद निंदनीय: राहुल*

विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने सीधी पुलिस द्वारा युवकों के साथ किये गए अमानवीय व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा है कि पुलिस का ये व्यवहार न केवल पुलिसिया आतंक को दर्शाता है बल्कि प्रदेश की भाजपा सरकार का मीडिया के प्रति उसकी सोच को भी प्रदर्शित करता है। अजय सिंह ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने अपराध किया है तो उसकी सजा के लिए संवैधानिक व्यवस्थाएं हैं जिनके माध्यम से अपराध करने वाले व्यक्ति को सजा दी जाती है। लेकिन सीधी में एक पत्रकार के कपड़े उतरवाकर उसके फोटो वायरल कर उसके साथ जो अमर्यादित व्यवहार किया गया उससे पुलिस का वास्तविक और गैर जिम्मेदाराना चेहरा सामने आया है।
रहुल ने कहा कि भाजपा सरकार में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जिसमे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से यह साबित होता है कि प्रदेश सरकार पुलिस के माध्यम से मीडिया साथियों पर दहशत का वातावरण निर्मित कर अपनी मर्जी चलाना चाहती है।

अर्धनग्न कर पीटने का अधिकार किसने दिया: लालचंद

पत्रकारों को अर्धनग्न कर पीटने का अधिकार पुलिस प्रशासन को किसने दिया ? क्या प्रजातंत्र में सरकार के खिलाफ बोलने वालों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाएगा ? इनका इतना बड़ा गुनाह क्या था जिसकी इतनी बड़ी सजा मिली ?
कुछ सत्ताधीश प्रशासन को कठपुतली बनाकर जिस तरह से कार्य कर रहे हैं और सीधी की छवि को गर्त में डाल रहे हैं, यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे फिर इसके लिए जो भी कीमत चुकानी पड़े।

पुलिस प्रशासन से उठा जनता का भरोसा : कांग्रेस

जिला कांग्रेस कमेटी सीधी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि विगत कुछ दिनों से सीधी में लगातार लूट हत्या और सरेआम गुंडागर्दी का माहौल देखने को मिल रहा है जिसमें जिले की पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है ऐसा प्रतीत होता है जिले का पुलिस प्रशासन पूर्व नियोजित तरीके से राजनीतिक दबाव में कार्य कर रहा है। विगत दिनों एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के विरोध में कुछ सामाजिक कार्यकर्ता पत्रकार एवं रंग कर्मियों द्वारा घटना का विरोध कोतवाली के समक्ष किया जा रहा था विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगो के ऊपर पुलिस ने जिस प्रकार से बर्बर कार्यवाही की साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों के साथ कोतवाली में जिस प्रकार से मारपीट और दुर्व्यवहार किया गया और पुलिस अभिरक्षा में थाने के अंदर उनकी नग्न अवस्था में तस्वीर उतार कर मीडिया में वायरल की गई वो पूर्णता निंदनीय है। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर उनके साथ मारपीट और उनसे कपड़े उतरवाए तो पुलिस को ये बताना पड़ेगा कि इस प्रकार तस्वीर प्रसारित कर किसी की सामाजिक प्रतिष्ठा को धूमिल करने का अधिकार उन्हें है क्या ? वो क्या कोई क्रिमिनल हैं ? हिस्ट्रीशीटर हैं कि उनके साथ इस प्रकार की बर्बर कार्यवाही की गई या राजनीतिक दबाव के चलते ऐसा किया गया। क्या अब न्यायालय का काम पुलिस करने लगी है की कौन अपराधी है। ये पूरी घटना पूर्णता निंदनीय है उक्त घटना दिनांक को ही लालता चौक पर सत्ता में बैठे  सत्ताधारी दल के पदधारी लोग और असामाजिक तत्वों के द्वारा एक व्यवसाई के साथ सार्वजनिक रूप से दुखद मारपीट की गई साथ ही उसे जबरन अपनी गाड़ी में बिठाकर अन्यत्र ले जाकर पुनः मारपीट की गई और बाद में उसे थाने पहुंचा दिया गया की वह भी उस विरोध प्रदर्शन में शामिल था जबकि उसका उस घटना से कोई लेना देना नही था। उक्त व्यवसाई द्वारा अपनी शिकायत कोतवाली में दर्ज कराने की कोशिश की गई किंतु उसकी शिकायत पर पहले कोई कार्यवाही नहीं की गई लेकिन जब पुलिस प्रशासन के ऊपर व्यापारी संघ द्वारा दबाव बनाया गया तो साधारण मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
कांग्रेस पार्टी जिले के प्रशासन से यह जानना चाहती है क्या किसी को कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार दे दिया गया है क्या सत्ताधारी लोगो के आगे पुलिस नतमस्तक है जिस प्रकार से सरेआम दुकान से निकालकर मारपीट वा गुंडागर्दी देखने को मिली उसके बाद से सारे शहर में एक भय का वातावरण व्याप्त है। सीधी कोतवाली पुलिस की भूमिका पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है इस परिस्थिति में यदि जिले का पुलिस प्रशासन आम जनता का भरोसा कायम रखना चाहता है तो तत्काल सरेआम गुंडागर्दी और अराजकता फैलाने वाले तत्वों को तत्काल गिरफ्तार कर उन पर मारपीट के साथ अपहरण जैसी धाराएं लगाकर कड़ी कार्यवाही की जाए जिससे पुनः जनता का भरोसा पुलिस प्रशासन पर कायम हो सके।

घोर निंदनीय घटना: ओंकार

सीधी में बीते दिनों में जिस तरह की घटना एक पत्रकार और सामान्य जनता के साथ सत्ताधारी नेताओं के इशारे पर प्रशासन ने कारित की है ऐसी घटना को आजाद भारत के पहले अंग्रेज भी करने में शर्माते रहे होंगे। यह घटना घोर निंदनीय है जिसकी मैं घोर निंदा करता हूं अगर ऐसी घटना पर लगाम नहीं लगा तो देश की न्याय व्यवस्था शून्य हो जाएगी।

सिटी कोतवाली और अमिलिया टीआई लाइन अटैच

इस पूरे मामले में नेशनल मीडिया में भी बढ़ते हुए दबाव पर बैकफुट में आए एसपी सीधी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने कल गुरुवार की देर शाम धारा 151 के आरोपियों की अर्धनग्न फोटो वायरल होने के मामले पर थाना प्रभारी सिटी कोतवाली मनोज सोनी एवं कार्यवाही के दौरान सिटी कोतवाली में उपस्थित शामिल अमिलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह परिहार को लाइन अटैच कर दिया है।


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